शनिवार, २३ ऑक्टोबर, २०२१

लाखों तुफानो से संभलकर, हमने आपने घर बचाये है

 दुनिया मजेसे चलती थी, मौज, मस्ती करती थी,

आपने ही खयालोमे, उसि तरह गुम रहती थी.

 

World






ना जाने कहासे , काले बादल छाये ,

सोचा नही था जो कभी ,आज वो सच हो जाये.

 

कोरोना नाम के छोटेसे, छोटे इस विषाणू ने,

दुनिया को जब रोका, दरवाजे पर ही उसने हमको टोका.

 

Corona Virus






एक से दो हुए, दो के हो गये हजार,

पुरी दुनिया संक्रमित हुई, हुवा बडा बुरा हाल.

 

ऐसा पहली बार हुवा था, आदमी-आदमीसे डरा था,

अस्पतालोंमे ढेर लाशोंके, जलाने के लिए घरवाले थे.

 

डॉक्टर, नर्सेसने जान की बाजी लगाई, खुद को मौत को सौंप कर,

दुसरो की जान बचाई, खतरों से लढकर भी जीत उन्होने पाई.

 

doctors






देश के वैज्ञानीयोने, अपना हुनर दिखाया,

दिन-रात एक करके, वॅक्सीन को खोज निकाला.

 

Corona Vaccine







पहले किसी ने डरा दिया, झुटे शब्दोंके जालोसे,

जब सच्चाई सामने आई, बडा सुकून मिला सच्चाई से,

 

लंबी लंबी कतारे लगी, वॅक्सीन लेने अस्पतालोंमे,

क्या बडे, क्या युवा, मुस्कूराने लगे गालों में.

 

एक सौ करोड सुरक्षित लोगोने, दुनिया को चौंकाया है,

एक-एक करते करते, इस मुकाम तक आज पहुचे है.

 

India






न रुके थे कभी, न ही रुक पाएंगे,

चलते चलते मंजिल को एक न एक दिन हम पाएंगे.

 

ये कोरोंना क्या चीज है, इस भारत भूमी के सामने,

लाखों तुफानो से संभलकर, हमने आपने घर बचाये है.

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